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पल्स ऑक्सीमीटर (Pulse Oximeter) क्या होता है, जानें, कैसे काम करता है ?

पल्स ऑक्सीमीटर की मुख्य बातें-

  • पल्स ऑक्सीमीटर एक छोटा सा डिजिटल उपकरण होता है, जो हमारे शरीर में ऑक्सीजन लेवल की जाँच करता है। 
  • पल्स ऑक्सीमीटर इंसान की सीरियस स्थिति होने से पहले सचेत कर देता है और ऑक्सीजन सेचुरेशन के साथ हार्ट बीट की जाँच करता है। 
  • एक स्वस्थ व्यक्ति का ऑक्सीजन लेवल 95 से 100 के बीच होना चाहिए।


पल्स ऑक्सीमीटर क्या है ?

जिस तरह से थर्मामीटर, ब्लड प्रेशर मशीन और अन्य सामान्य स्वास्थ सम्बंधित उपकरण होते हैं, ठीक उसी प्रकार से ऑक्सीमीटर भी एक चिकित्सीय उपकरण है। पल्स ऑक्सीमीटर डिजिटल डिस्प्ले वाली एक छोटा सा डिवाइस है। इसे पीपीओ यानी पोर्टेबल पल्स ऑक्सीमीटर भी कहा जाता है। पेपर या क्लॉथ क्लिप की तरह इसे पीछे से दबा कर मरीज की ऊँगली में फसाया जाता है। फ़साने के बाद इसे ऑन करना होता है। इस डिवाइस की मदद से मरीज के खून में ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल और ऑक्सीजन लेवल का पता चलता है। डिवाइस में लगा सेंसर खून में ऑक्सीजन के ज़रा से बदलाव को भी डिजिटल स्क्रीन पर दिखा देता है। एक स्वस्थ व्यक्ति का ऑक्सीजन लेवल 95 से 100 के बीच होना चाहिए।

Pulse Oximeter PPO


कैसे काम करता है ये डिवाइस ?

दोस्तों, अब आप सोच रहे होंगे की आखिर पल्स ऑक्सीमीटर किस प्रकार वर्क करता है, तो दोस्तों हम आपको बता दें, कि कोई भी ऑक्सीमीटर प्रकाश के अवशोषण (Absorption) की प्रक्रिया के तकनीक पर काम करता है। जब हम पल्स ऑक्सीमीटर को अपने ऊँगली पर लगाते है, तो यह आपकी त्वचा पर लाइट छोड़ता है और ब्लड सेल्स के रंग और उनके मूवमेंट को डिटेक्ट करता है। आपके जिन ब्लड सेल्स में ऑक्सीजन ठीक मात्रा में होती है वे चमकदार लाल दिखाई देती है। बढ़िया ऑक्सीजन लेवल वाले ब्लड सेल्स और अन्य ब्लड सेल्स यानी की चमकदार लाल ब्लड सेल्स के एवरेज के आधार पर ही ऑक्सीमीटर डिवाइस ऑक्सीजन सेचुरेशन को प्रतिशत में कैलकुलेट कर देता है और डिस्प्ले में रीडिंग बता देता है।

Pulse Oximeter

ऑक्सीजन लेवल कितना होना चाहिए ?

हेल्थ लाइन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्वस्थ सामान्य व्यक्ति के ब्लड में ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल 95 से 100 प्रतिशत होता है। यदि डिजिटल स्क्रीन पर ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल 95 से 100 के बीच दिखाई दे, तो समझ लीजिये घबराने की कोई जरुरत नहीं है। लेकिन अगर यह 92 या उससे नीचे दिखे तो ब्लड सेल्स में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है। इस स्थिति में आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।


टेस्टिंग के दौरान इन बातों का ध्यान रखें:

1. मरीज़ का ब्लड सर्कुलेशन अच्छा हो
2. हाथ ठन्डे न हो और नाख़ून लम्बे न हो
3. जिस ऊँगली से रीडिंग ले रहे हैं उस ऊँगली के नाख़ून में रंग न लगा हो


क्यों है घर में ऑक्सीमीटर जरुरी ?

कोरोना महामारी के दौरान डॉक्टर और विशेषज्ञ इस ऑक्सीमीटर डिवाइस को होम आइसोलेशन के दौरान घर पर रखने और नियमित तौर पर ऑक्सीजन लेवल मापने की सलाह दे रहे हैं तथा हर दो से तीन घंटे के बीच ऑक्सीजन लेवल की जांच करते रहे ताकि ऑक्सीजन लेवल का पता लगाया जा सके और स्थिति गंभीर होने से पहले मरीज़ को अस्पताल में भर्ती कराया जा सके और सही समय पर इलाज़ हो सके।


कहाँ से खरीदें और कितनी है इस डिवाइस की कीमत ?

वैसे तो, दिल्ली सरकार कोरोना महामारी के चलते जो मरीज़ होम आइसोलेशन में हैं, सरकार उनको अपनी तरफ से यह ऑक्सीमीटर दे रही है। बाद में मरीज़ के ठीक हो जाने पर इस डिवाइस को वापस सरकार के पास दे देना होगा।

अगर कोई व्यक्ति इस पल्स ऑक्सीमीटर को खरीदना चाहता है तो हम आपको बता दें की इसकी कीमत बहुत ज्यादा नहीं होती है। यह डिवाइस 500 रुपये से लेकर 5000 रुपये की रेंज तक उपलब्ध है। आप इस डिवाइस को अपने नज़दीकी मेडिकल स्टोर से खरीद सकते हैं। अगर यह नहीं मिल रहा है, तो आपक इसे ऑनलाइन के माध्यम से जैसे - अमेज़ॉन या फ्लिपकार्ट से आर्डर कर सकते हैं।

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