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लकड़ी से कागज कैसे बनता है, How Paper is made from wood ? हिंदी में


दोस्तों, कंप्यूटर और मोबाइल का दौर आ चुका है लेकिन कागज की इंपॉर्टेंस उतनी ही है जितनी पहले थी। हम अपने स्कूल के दिनों से ही कागज से बनी कॉपी, किताबों का इस्तेमाल करते आ रहे हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह कागज आता कहां से है ? शायद आप जानते होंगे की लकड़ी से कागज बनाया जाता है। लेकिन लकड़ी से कागज़ कैसे बनता है, हम आपको आज के इस पोस्ट के माध्यम से समझायेंगे। कृपया पोस्ट को पूरा आखिरी तक पढ़ीये।




कागज बनाने के लिए क्या है जरूरी ?

दोस्तों, कागज बहुत ही पतला होता है और इसमें प्रिंट भी किया जाता है। कागज से बुक्स और कॉपी भी बनाई जाती हैं साथ ही पैकिंग में भी कागज का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन कागज बनाने में सबसे जरूरी है Cellulose (सैलूलोज), लेकिन Cellulose से कागज नहीं बनाया जा सकता है, क्योंकि यह महंगी होती है।

दोस्तों, कागज पेड़ों से बनता है क्योंकि पेड़ों में Cellulose (सैलूलोज) पाया जाता है, इसी Cellulose के रेशों को मिलाकर एक पतली चादर का रूप देकर कागज बनाया जाता है। कागज बनाने के पहले कंपनी की टीम ऐसे पेड़ों को चुनते हैं, जिनकी लकड़ी में रेशे ज्यादा होते हैं, जैसे भोज, पोपुलर, लिप्टिस, पाइन आदि।  


Cellulose fibre
Credit- Wikimedia Commons

क्या है कागज बनाने का प्रोसेस ?

Step 1. कागज बनाने के लिए सबसे पहले पेड़ों को काटकर ट्रांसपोर्टेशन के जरिए फैक्ट्रीज में लाया जाता है। इसके बाद इन पेड़ों की ऊपरी छाल मशीनों के द्वारा निकाली जाती है। इसके बाद इन्हें छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लिया जाता है यानी चिप्स के रूप में काट लिया जाता है। फिर इन कटे हुए लकड़ी के छोटे-छोटे चिप्स को डाइजेस्टर टैंक में कन्वेयर बेल्ट के जरिए भेज दिया जाता है।
                                      

  

Step 2. डाइजेस्टर टैंक में इन टुकड़ों को एसिडिक सॉल्यूशन के साथ कुछ घंटो तक उबाला जाता है और इसे उबालने की वजह से लकड़ी के रेशे और लिगनिन (Lignin) अलग हो जाते हैं। Lignin एक ऐसा पदार्थ होता है, जो लकड़ी को सख़्त और मज़बूत बनाता है। फिर इन बचे हुए रेशों को पानी में अच्छे से साफ किया जाता है और बचा हुआ एसिडिक सॉल्यूशन भी साफ़ हो जाता है।


Digester Tank

Step 3. उसके बाद इसमें ऑक्सीजन और पर-ऑक्साइड का इस्तेमाल करके क्लोरीन फ्री ब्लीचिंग की जाती है। लेकिन अब भी इसकी डेंसिटी कम होती है और इससे अच्छी क्वालिटी का पेपर नहीं बनाया जा सकता है। तो उसकी डेंसिटी बढ़ाने के लिए और अच्छी क्वालिटी का पेपर बनाने के लिए इसमें कैल्शियम कार्बोनेट मिलाया जाता है और अच्छे से मिक्स किया जाता है। इससे पतला पेस्ट तैयार हो जाता है, जिसको पल्प (Pulp) कहा जाता है। इसके अलावा एक कलरफुल कागज बनाना हो तो साथ में ही कलर मिक्स कर दिया जाता है।



Step 4.  इसके बाद सारे मिक्सर को पेपर मेकिंग मशीन में भेज दिया जाता है और फिर ये मशीन इस पेस्ट को पेपर में बदल देती है।

Step 5. दोस्तों जो पेपर मेकिंग मशीन होती है, इसमें लाइन से कई सारे रोलर लगे होते हैं जिससे प्रेशर के साथ इस पेस्ट को भेजा जाता है और इन रोलर्स में गुजरने की वजह से पेस्ट में से पानी धीरे-धीरे अलग होता जाता है। साथ ही कागज की एक पतली परत तैयार हो जाती है।

Step 6. लास्ट में इसे एक गरम चैम्बर से गुजारा जाता है और जिससे इस कागज की पतली परत से पूरा पानी निकल जाता है और हमें सूखा कागज मिल जाता है और कुछ इस तरह से कागज बन कर तैयार हो जाता है।


roller

Step 7.  फिर इस कागज का रोल बना लिया जाता है। इस रोल में से कई छोटे-छोटे रोल बनाए जाते हैं और फिर इसे पैक करके फैक्टरी में भेज दिया जाता है जिनसे तरह-तरह की चीजें बनाई जाती है।




किस तरह के पेपर बनाये जाते हैं ?

जैसे कि A4, A5, A6, Legal Paper, बुक्स, कॉपी, न्यूज़ पेपर आदि।







सबसे महत्त्वपूर्ण बात: आपको बता दें कि कागज बनाने के लिए लकड़ी के अलावा सबसे ज्यादा जरूरत होती है पानी की। आपको जानकार हैरानी होगी कि लगभग 100 लीटर पानी से 1 किलो पेपर बनता है। तो इस तरह से पेपर बनता है।


दोस्तों, उम्मीद करता हूँ की आप सभी को यह पोस्ट पसंद आया होगा। अगर आपको यह पोस्ट पसंद आया है, तो प्लीज कमैंट्स करके बताएं और यह पोस्ट अपने दोस्तों के साथ शेयर करें। 

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