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गोली लगने से इंसान की मौत क्यों होती है ? जानिये इसके पीछे का साइंटिफिक फैक्ट ! हिंदी में

गोली लगने पर इंसान की मौत दर्द होने से होती है या फिर उस पर लगे गन पाउडर के ज़हर से होती है ? दोस्तों, हम सभी को पता है, कि जब कभी किसी इंसान को गोली लगती है, तो उसकी मौत बहुत जल्दी हो जाती है। इसी वजह से सैनिकों से लेकर पुलिस वालों तक हर किसी को बंदूक दी जाती है, ताकि वह इसका प्रयोग करके सामने वाले मुजरिम को घायल कर सके और वक्त आने पर उसको मौत के घाट उतार सके। लेकिन आपके दिमाग में यह सवाल एक ना एक बार तो जरूर आया होगा, कि आखिर किसी इंसान के शरीर में जब गोली लग जाती है, तो उसकी मौत किस तरह होती है। गोली लगने के दर्द से या फिर गन पाउडर के ज़हर से ?




दोस्तों, यह सवाल काफी पेचीदा है और इसका जवाब आपको इसी पोस्ट के माध्यम से मिलेगा। इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें।


बंदूक का आविष्कार कब और कैसे हुआ ?

दोस्तों, जैसा कि हम सभी जानते हैं, कि आज के इस एडवांस जमाने में हथियार भी काफी एडवांस हो गए हैं। वरना जब हमें किसी को कोई नुकसान पहुंचाना होता था, तो पहले के समय में हम उस पर किसी भारी चीज से वार करते थे। फिर धीरे-धीरे समय और ज्यादा बदलने लगा तो लोगों ने धारदार हथियारों को बनाना शुरू कर दिया ताकि हथियार की धार की वजह से सामने मौजूद जानवर या इंसान को ज्यादा बेहतर तरीके से घायल किया जा सके। लेकिन जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हथियार तो धारदार हो जाते हैं लेकिन इनका इस्तेमाल हमें दुश्मन के पास जाकर करना पड़ता है और इतनी देर में दुश्मन भी हम पर पलटवार कर सकता है। इन सब चीजों को सोचकर बंदूक का आविष्कार हुआ था ताकि इसमें मौजूद बुलेट को आप दूर से ही फायर करके किसी का भी काम तमाम कर सकें। 

हालांकि अब तो काफी एडवांस तरह की बंदूकें आ गई है, जिससे ना ही निशाना चूकता है और आप बहुत दूर से वार कर सकते हैं लेकिन अगर हम एक नॉर्मल बन्दूक की बात करे तो उसके काम करने के तरीके के बारे में लोग अधिकतर यह सोचते हैं कि बंदूक से निकलने वाली गोली की स्पीड से इंसान की मौत होती है। लेकिन असली बात आपको पता चलेगी, जब आप इस बात को अच्छी तरह से समझ लेंगे कि आखिर बंदूक में से निकलने वाली बुलेट क्या होती है और किस तरह काम करती है। 


क्या होती है बुलेट ?

दोस्तों हम में से अधिकतर लोग यह मानते हैं कि पूरी आकृति ही बुलेट कहलाती है लेकिन नहीं ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। असल में बुलेट आगे का ठोस धातू होता है और बाकी का हिस्सा बुलेट केस कहलाता है। दोस्तों, बुलेट को आम बोलचाल की भाषा में खोखा भी कहते हैं क्योंकि इसी में गन पाउडर भरा होता है और गोले की बिलकुल लास्ट में एक पिन पॉइंट होता है, जिस पर प्रहार किया जाता है और इसे अंग्रेजी में प्राइमर कहते हैं। अभी तक आपने जान लिया कि बुलेट की बनावट कैसी होती है, लेकिन अब यह जानते है कि गोली काम किस तरह करती है।








कैसे काम करती है बुलेट ?

दोस्तों, अगर सरल भाषा में कहा जाए तो गोली छोटी सी मिसाइल या रॉकेट होती है क्योंकि जिस प्रकार रॉकेट का आगे का हिस्सा ही काम का होता है और बाकी का हिस्सा मात्र ईंधन लेकर जाता है। ठीक इसी प्रकार गोली के साथ भी होता है क्योंकि गोली के बुलेट केस में एक खास तरीके का विस्फोटक पदार्थ भरा होता है। इसे हम गन पाउडर के नाम से जानते हैं। इसी वजह से जब बंदूक से गोली चलाई जाती है, तो बन्दूक बुलेट केस के पीछे की तरफ मौजूद एक बिन्दु जिसे हम प्राइमर कहते हैं, उस पर जबरदस्त प्रेशर से दबाव डालती है और जब प्राइमर पर दबाव पड़ता है, तो उस पर लगा स्प्रिंग चिंगारी पैदा करता है और इस चिंगारी से गन पाउडर में बड़ा ही तेज़ विस्फोट होता है, जिसकी वजह से बुलेट को आगे की तरफ जोरदार धक्का लगता है। बुलेट केस गर्म होकर फैलता है जिस वजह से इसकी बुलेट पर पकड़ कमजोर हो जाती है और गन पाउडर के विस्फोट के कारण उत्पन्न हुआ जबरदस्त फाॅर्स बुलेट को तेजी से आगे की तरफ धक्का देता है। ऐसा होने पर बुलेट घूमते हुए तेज़ी से निशाने की ओर बढ़ती है। अब आप समझ गए होंगे कि हम पहले बुलेट को रॉकेट क्यों कह रहे थे क्योंकि जिस तरह रॉकेट में पीछे फायर करके इसके ऊपर उड़ाया जाता है, ठीक उसी तरह प्राइमर में दबाव डालकर चिंगारी पैदा की जाती है। ताकि गन पाउडर में आग लग जाए और बुलेट डायरेक्ट अपने निशाने की तरफ बढ़ जाए।




बुलेट लगने से मौत क्यों होती है ?

दोस्तों, अगला सवाल यह आता है, कि गोली लगने से आखिर मौत क्यों होती है ? अब आपको ये चीज समझ में आ ही रही होगी कि बुलेट के ऊपर कोई भी जहर नहीं लगा होता, बल्कि वह सिर्फ एक फाॅर्स की वजह से अपने निशाने की तरफ निकलती है और इसी फाॅर्स की वजह से इंसान के आन्तरिक अंगों पर नुकसान होता है क्योंकि गोली लगने से शरीर में हो रहा ब्लड फ्लो गोली लगने वाले हिस्से में रुक जाता है और वहां मौजूद ब्लड बाहर की तरफ बहना शुरू हो जाता है। ऐसे में अधिकतर मौतें ज्यादातर खून बहने की वजह से होती हैं। कुछ मामले तो ऐसे भी देखे जाते हैं कि बुलेट हड्डियों में फ़स जाती है और फिर कभी बाहर ही नहीं निकल पाती। पर सबसे नाजुक हालत तो तब होते हैं जब बुलेट सिर या दिल पर लगती है क्योंकि यह हमारे शरीर के बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है, जो काफी ज्यादा नाजुक होते हैं। अगर इनमे ब्लड सरकुलेशन रुक जाता है, तो इंसान की मौत होने में ज्यादा समय नहीं लगता। इसी वजह से आपने देखा होगा कि फिल्म वगैरह में जब किसी की मौत होती है तो गोली या तो उसके सिर पर लगी होती है या फिर सीने पर क्योंकि और कहीं गोली लगने की वजह से इंसान बच सकता है।  

दोस्तों, तो यही कारण है जब कभी भी डिफेन्स वालों को बंदूक दी जाती है, तो उनसे हमेशा ये बोला जाता है, कि हमेशा मुजरिम के पैर पर ही गोली मारे जिसकी वजह से वह घायल हो और चल न पाए क्योंकि कभी भी मुजरिम को डायरेक्ट सीने या फिर सिर पर गोली मारने की इजाजत नहीं होती है। अगर डिफेन्स द्वारा किसी का एनकाउंटर करने का आर्डर दिया जाये तो, वह इन जगह पर गोली मारकर एक ही बार में काम तमाम कर सकता है। वरना हमेशा पैर पर ही गोली मरने की इजाज़त दी जाती है।


दोस्तों, हमें पूरा यकीन है कि आप बंदूक से निकली गोली के चलने से लेकर इंसान के शरीर में घुसने तक का पूरा साइंटिफिक फैक्ट समझ गए होंगे। इसी तरह के इंटरेस्टिंग पोस्ट पढ़ने के लिए हमारे ब्लॉग गज़ब के ज्ञान से जुड़े रहे। 

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